शनिवार, 28 सितंबर 2013

तमाशा लोगों का है

डिब्रूगढ़ मे मदारी का खेल देख कर

एक तरफ होता था नेवला
एक तरफ सांप
और मदारी की हांक
करेगा नेवला सांप के टुकड़े सात
खाएगा एक छै ले जाएगा साथ

कभी नहीं छूटा रस्सी से नेवला
और पिटारी से सांप
ललच कर आते गए लोग,
ठगा कर जाते गए लोग

खेल का दारोमदार था
इस एक बात पर
उब कर बदलते रहें तमाशाई,
जारी रहे खेल अल्फाज़ का,
तमाशा साँप और नेवले का नहीं
तमाशा था अल्फाज़ का

अब न सांप है न नेवला
फिर भी वही हांक
करेगा नेवला सांप के टुकड़े सात
खाएगा एक, छै ले जाएगा साथ

अब भी जुटे हैं लोग,
अब भी जारी है तमाशा
तमाशा सांप या नेवले का नहीं
तमाशा लोगों का है

जब तक तमाशबीन जारी हैं
तब तक तमाशा जारी है

पद्मनाभ गौतम

हवाई, जिला-अंजाव,
अरुणाचल-प्रदेश
28-09-2013

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