सोमवार, 10 फ़रवरी 2025
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एक ज़मीन, तीन शायर, तीन गज़लें - 28 March 25
एक ज़मीन, तीन शायर, तीन गज़लें - 28 March 25 बैकुंठपुर कोरिया के शायर विजय 'शान' ने एक ग़ज़ल कही. उसी ज़मीन पर ताहिर 'आज़मी' और फि...

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बेटे पर दो कविताएँ बेटा -1 छुटपन से लेकर किशोरावस्था तक ऐसा कोई दिन नहीं हुआ जब राह चलते उसके पाँव न टकराए हों मेरे पाँवों से कभी...
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http://sitabdiyara.blogspot.in/2013/09/blog-post_8.html?spref=fb
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